हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार,जम्मू कश्मीर की मशहूर धार्मिक और इल्मी शख्सियत आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाक़िर मूसवी अलसफ़वी के निधन पर क़ाज़ी सैयद अब्दुर रशीद काज़मी ने गहरा दुख और अफ़सोस जताते हुए मुसवी परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
जम्मू कश्मीर की मशहूर धार्मिक और इल्मी शख्सियत आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाक़िर मूसवी अलसफ़वी के निधन पर क़ाज़ी सैयद अब्दुर रशीद काज़मी ने गहरा दुख और अफ़सोस जताते हुए मुसवी परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
उन्होंने मिल्लत-ए-कश्मीर की ओर से जारी अपने ताज़ियती पैग़ाम में कहा कि आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाक़िर अलसफ़वी की रहमत ने इल्मी दुनिया में एक ऐसा खालीपन पैदा कर दिया है जिसे सदियों तक भी भरना शायद मुमकिन न हो।
मौलाना काज़मी ने आगे कहा कि मरहूम आयतुल्लाह सैयद मोहम्मद बाक़िर, कश्मीर के प्रसिद्ध और सम्मानित सैयद ख़ानदान की इल्मी विरासत के अमीन थे। इसके साथ ही उन्हें प्रसिद्ध किताब अलग़दीर की जिल्दों का उर्दू में अनुवाद करने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ, जो यक़ीनन उनकी आख़िरत की बाक़ियात-ए-सालिहात में शामिल होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि इस महान दुःख की घड़ी में पूरे आलम-ए-तशीअ (शिया समुदाय) और तमाम कश्मीरी उलेमा, जिनमें विशेष रूप से हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हसन मूसवी अलसफ़वी,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अब्दुल हुसैन मूसवी अल-सफ़वी
हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद हादी मूसवी अल-सफ़वी,हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अहमद मूसवी अल-सफ़वी हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सैयद अकील मूसवी अलसफ़वी और संसद सदस्य सैयद रूहुल्लाह मेहदी इन सबकी खिदमत में और मरहूम के पूरे परिवार की सेवा में ताज़ियत व हमदर्दी पेश करते हैं और ख़ुदा की बारगाह में उनकी मग़फ़िरत और बुलंद दर्जे की दुआ करते हैं।
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